द स्वार्ड ऑफ़ इंडिया
कोंच । Chandra grahan– आज 8 नवंबर मंगल को पूरे भारत में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण काल प्रारंभ सायं 5/29 पर, ग्रहण काल मध्य सायं 5/54 पर, ग्रहण काल मोक्ष सायं 6/19 पर होगा। पर्व काल 0/50 पर होगा जबकि चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व लगता है। ग्रहण काल को लेकर विद्वान पंडित बिष्णुकांत मिश्रा शास्त्री का कहना है कि ग्रहण के समय गायों को चारा, चिड़ियों को अन्न, जरूरतमंदों को जरूरत का सामान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
ग्रहण भारत में दिखेगा जिसमें कुछ नियमों का पालन आवश्यक है। ग्रहण का दृश्य नहीं देखना चाहिए और ग्रहण की छाया भी किसी पर न पड़े इसका ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण का समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
चंद्र ग्रहण में चंद्र देव का मंत्र ॐ सोमाय नमः, ॐ रोहिणी कांताय नमः, ॐ चंद्रमसे नमः। फिर चंद्र देव की स्तुति का श्लोक,”दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्, नमामि शशिनं सोमं, शम्भोर्मुकुटभूषणम्” तत्पश्चात चंद्र गायत्री मंत्र बोलें, “ॐ अमृतान्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन सोमः प्रचोदयात”
सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। भगवान वेदव्यास कहते हैं- ‘सामान्य दिन से चंद्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है।

चंद्र ग्रहण में एक माला नीचे मंत्र की करें, ‘ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।’ चंद्र ग्रहण किस राशि वाले को कैसा फलदायी होगा, इसे लेकर पंडित बिष्णुकांत शास्त्री बताते हैं, वृष, सिंह, धनु, मकर, राशि वालों को शुभफल, मेष, कन्या, मिथुन, कुंभ राशि वालों को मध्यम फल तथा कर्क, तुला, बृश्चिक, मीन, राशि वालों को अशुभ फल प्राप्त होगा।