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नई दिल्ली । Earthquake– विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या आठ गुना तक बढ़ सकती है। मौजूदा समय में मौतों का आंकड़ा 3 हजार 800 है, जो तेजी से बढ़ता जा रहा है। मीडिश के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भूकंप से मरने वालों की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो सकती है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि ऐसे भीषण भूकंपों में अक्सर शुरुआती मौतों की संख्या में आठ गुना बढ़ोतरी देखी जाती है। डब्ल्यूएचओ ने जब ये आशंका जताई है कि तब मौतों का आंकड़ा 2 हजार 600 था। तुर्की में सोमवार सुबह पहला बड़ा भूकंप आया और उसके बाद लगभग 12 घंटे बाद एक दूसरा ताकतवर भूकंप आया।

डब्ल्यूएचओ की ओर से यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब बचावकर्मी कड़ी ठंड के मौसम में मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बचाव प्रयासों में मदद के लिए दुनियाभर के देशों ने सहयोग करने के लिए कदम बढ़ाया है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार तुर्की और सीरिया में गाजियांटेप शहर के पास 17.9 किमी. (11 मील) की गहराई पर 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो तुर्की में रिकॉर्ड किया गया अब तक का सबसे भीषण भूकंप है। इसने पूरे देश को लगभग दो मिनट तक हिलाकर रख दिया।

यूएसजीएस ने कहा कि दूसरे भूकंप की तीव्रता 7.5 थी और इसका केंद्र कहारनमारस प्रांत के एल्बिस्तान जिले में था. बहरहाल डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि तुर्की के भूकंप में मरने वालों की संख्या, मौजूदा मौतों की संख्या के आठ गुना तक बढ़ने की संभावना है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दुर्भाग्य से मरने वालों या घायल होने वालों की संख्या की जो प्रारंभिक रिपोर्ट है, आने वाले हफ्ते में ये काफी बढ़ जाएगी।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि ठंड के इस खतरनाक मौसम में कई लोगों बेघर हो सकते हैं, जो खतरों को और भी बढ़ाता है। तुर्की और सीरिया में हजारों इमारतें इन भूकंपों के झटकों से मिनटों में धराशायी हो गईं।

सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर शोयर किए गए कई वीडियो दिखाई दिए, जिनमें तबाही का आलम सामने आया। बहुत सी सड़कें नष्ट हो गई हैं और दोनों देशों से आ रही तस्वीरों में जहां तक नजर जा सकती है, वहां तक मलबे के बड़े-बड़े पहाड़ नजर आ रहे हैं।