ठाणे : सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बाद मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने ठाणे–घोड़बंदर से भायंदर को जोड़ने वाली दो महत्त्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की कुल ₹14,000 करोड़ की निविदाएं रद्द करने का निर्णय लिया है।
इन परियोजनाओं में एक 11 किलोमीटर लंबी सुरंग और दूसरी 9.8 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड क्रीक रोड ब्रिज शामिल है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष MMRDA की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि दोनों निविदाओं को रद्द कर दिया गया है
और सरकार अब आगे की प्रक्रिया पर विचार कर रही है। इस घोषणा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लार्सन एंड टुब्रो (L&T) लिमिटेड की याचिका को “निरर्थक” घोषित करते हुए खारिज कर दिया।
L&T ने आरोप लगाया था कि निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही और उसे समय पर आवश्यक जानकारी नहीं दी गई, जबकि अन्य प्रतिस्पर्धियों को अपडेट मिलता रहा।
कंपनी का दावा था कि उसकी वित्तीय बोली मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) से कहीं बेहतर थी—सुरंग परियोजना में ₹2,521 करोड़ और एलिवेटेड रोड में ₹609 करोड़ का अंतर बताया गया
MMRDA ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि L&T की बोली को “पर्याप्त तकनीकी कारणों” के आधार पर अस्वीकार किया गया था, जिसे कोर्ट में पेश किया गया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और रोहतगी ने यह भी कहा कि निविदा को रद्द करना सार्वजनिक हित में आवश्यक था।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि निविदा प्रक्रिया को दोबारा नहीं शुरू किया गया,
तो वह मौजूदा प्रक्रिया पर स्थगन लगा सकता है। MMRDA के फैसले ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को प्राथमिकता दी जाएगी, भले ही इससे परियोजनाओं में कुछ समय की देरी हो।
अब सरकार इन मेगा प्रोजेक्ट्स की नई निविदाएं जारी करने की तैयारी में है, जिससे मुंबई क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देने के साथ ही निष्पक्षता और जवाबदेही के मानकों को भी बल मिलेगा।

Author: theswordofindia
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