इमामुद्दीन
ज़ैदपुर, बाराबंकी । नौहाख्वानी और मातम के बीच गूंजीं ‘या हुसैन’ की सदाएं” दसवीं मुहर्रम के मौके पर ज़ैदपुर कस्बे और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ताजिया और अलम के जुलूस बड़ी अकीदत के साथ निकाले गए।
सुन्नी समुदाय के इमामबाड़ों से शुरू हुए जुलूसों में बड़ापूरा के प्रसिद्ध ‘बूढ़े बाबा’ ताजिया ने बैंड-बाजे के साथ अगुवाई की, जबकि मोहल्ला मोलवी कटरा, महमूदपुर, गढ़ी कदीम, जैन महल, अहिरान, बड़ी बाजार, अली अकबर कटरा, वसी नगर, काशीराम कॉलोनी और खालिकपुरवा सहित अन्य क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन से अधिक बड़े ताजिए ‘या हुसैन, या हुसैन’ की सदाओं के बीच कंधों पर उठाए गए।
उमस भरी गर्मी के बावजूद सड़कों और छतों पर भारी भीड़ ताजिया जुलूस देखने उमड़ पड़ी। छोटे ताजिए स्थानीय कर्बला में दफन किए गए, जबकि बड़े ताजिए परंपरागत रास्तों से इमामबाड़ों में वापस लौटे।
जुलूस में अंजुमन नौहाख्वानी के माध्यम से हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया। जगह-जगह खाने-पीने के स्टॉल लगाकर प्रसाद वितरित किया गया,
जिसमें पानी और कोल्ड ड्रिंक भी शामिल थे। शिया समुदाय के मातम जुलूस भी परंपरागत तरीके से निकाले गए। ग्राम पंचायत बलछत, पनिहल, बरौली मालिक, किठूरी, अहमदपुर, देवकली, टेसवा जैसे गांवों में भी ताजिए कर्बला में दफन किए गए।
मोलवी कटरा इमामबाड़ा कमेटी के चौधरी डॉ. मो. हारून राईन ने अपनी अंजुमन हुसैनिया के साथ नौहाख्वानी की। जुलूस में वसीम चौधरी, अशफाक चौधरी, कमरुज्जमा आरफी, दाऊद अली, रेहान अंसारी, कलीम राईन, जमीउल जैसे प्रमुख लोग शामिल रहे।
शांति व्यवस्था के लिए सीओ सदर, सीओ ट्रैफिक और थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मुस्तैद रहे, जिससे जुलूस सकुशल संपन्न हुआ।

Author: theswordofindia
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