नवी मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि यदि खारघर जैसे क्षेत्रों में शराबबंदी की मांग है,
तो इसके लिए केवल नगर निगम का प्रस्ताव पर्याप्त नहीं होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित विशेष कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है। विधानसभा में भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर द्वारा इस विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने पर अजित पवार ने जवाब देते हुए कहा कि नगरपालिका क्षेत्रों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध तभी लगाया जा सकता है
जब मतदाता, विशेषकर महिलाएं, औपचारिक रूप से प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करें और आवश्यक मतदान प्रक्रिया पूरी की जाए। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2008 और 2009 में जारी अधिसूचनाओं के अनुसार, यदि किसी वार्ड के कुल मतदाताओं या केवल महिला मतदाताओं में से कम से कम 25 प्रतिशत लोग लिखित में शराबबंदी की मांग करते हैं, तो जिला प्रशासन को गुप्त मतदान कराना अनिवार्य होगा।
यदि उस मतदान में 50 प्रतिशत से अधिक लोग शराब बिक्री के खिलाफ मतदान करते हैं, तो संबंधित क्षेत्र में शराब की दुकान के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
पवार ने यह भी कहा कि नियमों के अंतर्गत केवल जनप्रतिनिधियों की भावनाओं के आधार पर शराब के लाइसेंस रद्द नहीं किए जा सकते। उन्होंने बताया कि 1972 के बाद से महाराष्ट्र में कोई नया शराब बिक्री लाइसेंस जारी नहीं किया गया है, हालांकि कुछ मामलों में विशेष शर्तों के साथ पुराने लाइसेंसों का हस्तांतरण अनुमति प्राप्त है।
खारघर और अन्य शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही शराब की दुकानों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए पवार ने कहा कि सरकार समय-समय पर नीति में बदलाव कर रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जो पंचायत से नगरपालिकाओं में परिवर्तित हुए हैं।
उन्होंने सामाजिक पहलुओं को भी स्वीकारते हुए कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से शराब के विरुद्ध हूं, लेकिन लोगों की पसंद का भी सम्मान होना चाहिए। हमें ऐसा समाधान खोजना होगा जो कानूनी भी हो और समाज के हित में भी।”

Author: theswordofindia
Latest News Uttar Pradesh और News Portal Lucknow पर पढ़ें ताज़ा खबरें। उत्तर प्रदेश समाचार पोर्टल और हिंदी न्यूज़ पोर्टल 'The Sword of India News' से जुड़ी राजनीति, व्यापार, अपराध और चुनाव की हर अपडेट सबसे पहले पाएँ।