मुम्बई : कोई भाषा छोटी या बड़ी नहीं होती।सभी भाषाएं आज सम्मानित हैं। ब्रह्मांड की हर चीज से प्रेम करनेवाला ही प्रेम कर सकता है।डॉ नीलिमा पाण्डेय की यह। प्रेम कविताएं किसी एक व्यक्ति से प्रेम की कविताएं नहीं हैं,यह ब्रह्मांड से प्रेम की कविताएं हैं’।
यह विचार कवि,विचारक व शिक्षा विद डॉ हूबनाथ पांडेय ने हिंदी दिवस पर मणिबेन नानावटी महिला महाविद्यालय और तापीबेन छगनलाल लालजी वालिया जूनियर कवयित्री डॉ नीलिमा पांडेय के प्रेम गीत संग्रह ‘टूटा है
अब मौन'(इंडिया नेटबुक्स) के लोकार्पण व विमर्श के मौके पर व्यक्त किये। कथाकार,शिक्षा विद व कार्यक्रम के संयोजक डॉ रवींद्र कात्यायन ने कहा,’भेदभावपूर्ण इस समय में आज सबसे बड़ी जरूरत प्रेम की है।
प्रेम से हर समस्या का समाधान निकल सकता है’।डॉ दयानन्द तिवारी व डॉ सुशीला तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर भावुक होते हुए डॉ नीलिमा पांडेय ने कहा,’ हिंदी मेरे मन,प्राण में बसती है।
आज हिंदी दिवस के पवित्र मौके पर यह आयोजन मैं कभी नहीं भूल सकती।उन्होंने व कुछ छात्राओं ने पुस्तक से कुछ प्रेम कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन नीलू सिंह व आभार प्रियंका गिरासे ने व्यक्त किया।इस मौके पर तापीबेन छगनलाल लालजी बालिया जूनियर कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ मनीषा विशेष रूप से उपस्थित थीं।उन्होंने कहा,’हिंदी दिवस हमें हर भाषा से प्रेम करना सिखाता है’।

Author: theswordofindia
Latest News Uttar Pradesh और News Portal Lucknow पर पढ़ें ताज़ा खबरें। उत्तर प्रदेश समाचार पोर्टल और हिंदी न्यूज़ पोर्टल 'The Sword of India News' से जुड़ी राजनीति, व्यापार, अपराध और चुनाव की हर अपडेट सबसे पहले पाएँ।