Search
Close this search box.

ख़ानक़ाहे मुनिरीया में अमन, इश्क़, सूफ़ी रंगों की बहार

खानकाहे मुनिरीया में पैगाम ए सुफिया एवं उर्से मुक़द्दस का आयोजन

Share this post

महराजगंज : मोहम्मद रमजान अमजदी मिठौरा बाज़ार के स्थानीय क़स्बे में स्थित ख़ानक़ाह आलिया क़ादरिया मुनीरिया का 15वाँ सालाना पैग़ाम-ए-सूफ़िया कॉन्फ़्रेंस व उर्स मुक़द्दस का आयोजन सोमवार की रात नमाज़-ए-ईशा के बाद हुआ।

इस कार्यक्रम का आयोजन मौलाना ज़ियाुद्दीन निज़ामी (प्रिंसिपल, दारुल उलूम अब्बासिया ज़िया-उल-उलूम मिठौरा बाज़ार) की सरपरस्ती में और मौलाना सूफ़ी सैय्यद नियाज़ अहमद (सज्जादा नशीन ख़ानक़ाह मुनिरीया) की अध्यक्षता में किया गया।कॉन्फ़्रेंस की शुरुआत क़ारी रफ़ीउद्दीन निज़ामी (उस्ताद, दारुल उलूम इशाअत-उल-इस्लाम परतावल) द्वारा क़ुरान-ए-करीम की तिलावत से हुई।

इस दौरान मौलाना कौसर इमाम क़ादरी (दारुल उलूम क़ुदूसिया फ़ख़रुल उलूम परसौनी बाज़ार) और मौलाना ख़ुरशीद-उल-इस्लाम (कछू छवी, उस्ताद दारुल उलूम अहले-सुन्नत इशाअत-उल-इस्लाम परतावल) ने अपने ख़िताब में कहा कि तसव्वुफ़ दुनिया को अमन, अहिंसा, मोहब्बत और भाईचारे का पैग़ाम देता है।

सूफ़िया ने पूरी दुनिया को मोहब्बत का संदेश दिया है और उनका यह संदेश आज भी बेमिसाल है, जो दिलों को जोड़ने का काम कर सकता है।

उन्होंने कहा कि तसव्वुफ़ की सबसे बुनियादी तालीम यह है कि इंसान अपने ख़ालिक और मालिक से ऐसा रूहानी रिश्ता जोड़े कि उसे अपने दिल के आइने में पूरी दुनिया का अक्स नज़र आने लगे।

इस तरह दिल से दिल के तार जुड़ते चले जाएँगे और कोई भी उसके लिए अजनबी नहीं रहेगा। क़ारी शकील अख्तर निज़ामी (शैख़-उल-अदब, दारुल उलूम अशरफ़िया, खड्डा बाज़ार, कुशीनगर) ने कहा कि सूफ़िया की शिक्षाओं में मौजूद मोहब्बत और भाईचारे का तत्व ही तसव्वुफ़ की नींव है।

सूफ़िया ने इंसान को ख़ालिक और उसकी मख़लूक से मोहब्बत का सबक दिया और यह सबक अपने अंदर इतनी कशिश रखता था कि कोई भी संवेदनशील दिल इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका।

इसके अलावा क़ारी फिरोज़ आलम महराजगंजवी, मौलाना निज़ाम क़ादरी, मौलाना ग़ुलाम मुस्तफ़ा, हाफ़िज़ सद्दाम हुसैन, मौलवी साहिल रज़ा ने नात और मन्क़बत के अशआर पेश किए।

खानकाहे मुनिरीया में पैगाम ए सुफिया एवं उर्से मुक़द्दस का आयोजन

इस मौक़े पर मौलाना जमालुद्दीन अम्ज़दी, मौलाना मोहम्मद इस्राईल जामई, मौलाना शम्स तबरेज़, हाफ़िज़ रुकनुद्दीन, मौलाना अब्दुल मनन क़ुदूसी, मौलाना आलम अलीमी, सैय्यद मुश्ताक़ अहमद, सैय्यद मज़मिल हुसैन (ख़ज़ानची के.जी.एन. कमेटी), ज़िया-उल-हक़ (मैनेजर, दारुल उलूम अब्बासिया ज़िया-उल-उलूम मठुरा बाज़ार), शमशेर आलम, अमीर आलम (मैनेजर, ख़ानक़ाह मनीरिया), अफ़ज़ल क़ादरी, वसीम आलम, अब्दुल मलिक, मास्टर अमीरुद्दीन, सैय्यद अमजद अली, डॉ. ग़ुलाम सरवर, मास्टर कुरैश, फहीम आलम, इसरार आलम, फैसल अहमद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

theswordofindia
Author: theswordofindia

Latest News Uttar Pradesh और News Portal Lucknow पर पढ़ें ताज़ा खबरें। उत्तर प्रदेश समाचार पोर्टल और हिंदी न्यूज़ पोर्टल 'The Sword of India News' से जुड़ी राजनीति, व्यापार, अपराध और चुनाव की हर अपडेट सबसे पहले पाएँ।