कानपुर : टॉफी गले में चिपकने से बच्चे की मौत : कानपुर के बर्रा इलाके में रविवार को एक 4 वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत हो गई जब टॉफी गले में फंसने से उसे सांस लेने में मुश्किल हुई और उपचार के अभाव में उसने दम तोड़ दिया।
अन्वित कश्यप नाम के इस मासूम को इलाज के लिए तीन घंटे तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दिवाली की छुट्टियों के कारण डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे, जिससे बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी।अन्वित के पिता राहुल कश्यप ने बताया कि उनका बेटा रविवार शाम मोहल्ले की एक दुकान से “फ्रूटोला” नाम की टॉफी लेकर आया था, जो “किंडर जॉय” के समान थी।
टॉफी खाते ही वह अन्वित के गले में अटक गई, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जैसे ही स्थिति बिगड़ी, उसकी मां ने पानी पिलाने की कोशिश की, लेकिन टॉफी और अंदर चली गई, जिससे सांस लेने में और परेशानी हो गई। इसके बाद परिजन उसे पास के एक निजी अस्पताल ले गए, परंतु उचित इलाज नहीं मिल पाया।
पिता राहुल का कहना है कि तीन घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें किसी डॉक्टर की सहायता नहीं मिली। इलाज के अभाव में आखिरकार बच्चे ने निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक हादसे से परिजनों में शोक और आक्रोश है। वे टॉफी बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पोस्टमॉर्टम से परिजनों का इनकार :-
सोमवार सुबह, परिवार ने बर्रा थाने में मामले की जानकारी दी। थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने जांच करते हुए बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम कराने का सुझाव दिया, लेकिन परिजनों ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस वहां से लौट गई और परिवार ने अपने स्तर पर अंतिम संस्कार कर दिया।
यह घटना न केवल चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बच्चों के खाद्य उत्पादों की सुरक्षा पर भी चर्चा का विषय बन गई है।
Author: theswordofindia
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