मुंबई : एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार “स्वच्छ भारत अभियान” को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं मुंबई के साकीनाका क्षेत्र के खाड़ी क्रमांक तीन स्थित राजीव नगर झोपड़पट्टी के निवासी हर साल मानसून के दौरान गंदे पानी के जमाव से जूझ रहे हैं।
बारिश शुरू होते ही यहां की गलियों में गंदा पानी भर जाता है, जिससे नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। वार्ड नंबर 161 के अंतर्गत आने वाला यह इलाका पिछले 30 वर्षों से जलजमाव की समस्या से परेशान है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हल्की बारिश होते ही सड़कें और गलियां जलमग्न हो जाती हैं, और गंदे पानी में से होकर रोजमर्रा की आवाजाही करनी पड़ती है।
इस गंभीर समस्या के बावजूद न तो बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कोई स्थायी समाधान अब तक किया है।
स्थानीय निवासी और समाजसेवक प्रदीप बंड ने बताया कि राजीव नगर और मिलिंद नगर झोपड़पट्टी के पास स्थित पहाड़ी इलाकों – जैसे सुंदरबाग और हिमालय सोसाइटी – से बहकर आने वाला गंदा पानी बारिश के समय इन बस्तियों में भर जाता है।
इसके चलते यहां लगातार जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। प्रदीप बंड ने बताया कि अन्य जलजमाव प्रभावित इलाकों में मनपा द्वारा पानी निकासी के लिए मोटर पंप लगाए गए हैं,
लेकिन खाड़ी क्रमांक तीन में अब तक कोई ऐसा प्रबंध नहीं किया गया है। उन्होंने कुर्ला एल वार्ड के अधिकारियों से मिलिंद नगर और राजीव नगर में तुरंत मोटर पंप लगाने की मांग की है,
ताकि नागरिकों को राहत मिल सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल इस समस्या से दो-चार होना अब उनके जीवन का हिस्सा बन गया है। प्रशासन द्वारा नजरअंदाजी और लापरवाही के कारण नागरिकों में रोष भी देखने को मिल रहा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बीएमसी अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे समय रहते इस पुराने मुद्दे को प्राथमिकता दें और इस क्षेत्र के लोगों को जलजमाव की त्रासदी से राहत दिलाएं।

Author: theswordofindia
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