इमामुद्दीन
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जैदपुर बाराबंकी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की छवि पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को जैदपुर कस्बे में हुई छापेमारी के दौरान विभाग के ही चपरासी पवन ने मीडिया को गुमराह करने की कोशिश की, जिससे विभाग की विश्वसनीयता पर बट्टा लग गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पल्लवी तिवारी के नेतृत्व में मीट दुकानों पर की गई अचानक कार्रवाई में तीन दुकानों का निरीक्षण हुआ। टीम के पहुंचते ही दो दुकानदार दुकानें बंद कर फरार हो गए, जिसके बाद उन दोनों दुकानों को मौके पर ही सीज कर दिया गया। जबकि तीसरी दुकान आरिफ मीट शॉप पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पल्लवी तिवारी ने स्पष्ट किया कि जिले में मिल रही लगातार ऑनलाइन शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई और आगे भी ऐसे अभियान चलते रहेंगे।

लेकिन इसी बीच खाद्य सुरक्षा अधिकारी के चपरासी पवन ने पत्रकार से कहा, “यहां कोई दुकानदार नहीं मिला, सभी दुकानें बंद करके भाग गए।” जबकि दो दुकानें साफ तौर पर सीज की जा चुकी थीं, मगर पवन ने इस बात को छुपा लिया। चपरासी की इस जानबूझकर की गई गलत बयानी ने न केवल कार्रवाई को कमतर दिखाने की कोशिश की, बल्कि पूरे खाद्य सुरक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए।
कस्बे में लोग पूछ रहे हैं कि विभाग का ही कर्मचारी जब मीडिया को झूठ बोलकर गुमराह करने लगे तो आम जनता विभाग पर कैसे भरोसा करे? चपरासी पवन की इस हरकत से खाद्य सुरक्षा विभाग की मुहिम को लेकर चल रही सकारात्मक चर्चा पर ग्रहण लग गया है और कस्बे में तरह-तरह के कयास लग रहे हैं।




