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घोर कलयुग में श्रीमद्भागवत महापुराण के श्रवणमात्र से worldly भव सागर से मिल सकती है मुक्ति-अनुराग कृष्ण शास्त्री

Shrimad Bhagwat Katha kushinagar

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कसया,कुशीनगर : स्थानीय नगरपालिका परिषद के वार्ड नं 15 वीर सावरकर नगर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान retired प्रवक्ता मधुसूदन मिश्र एवं उनकी धर्मपत्नी नगावली देवी के निज निवास पर कथा के तीसरे दिन

कथावाचक अनुराग कृष्ण शास्त्री जी महाराज बृंदावन धाम वाले ने श्रीमद्भागवत के महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि इस घोर कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र ही इस संसार रूपी भव सागर से मिल सकती है मुक्ति।

उन्होंने तीसरे दिन की कथा में भक्त प्रह्लाद का वर्णन करते हुए कहा कि भक्त हो तो प्रह्लाद जैसा जिसने अपने जीवन में सब मोह माया को त्याग कर नारायण की भक्ति में डूबे रहे।

स्वयं नारायण को भक्त की रक्षा हेतु खम्बे से नरसिंह के रूप में अवतरित होना पड़ा। उन्होंने राजा जड़ भरत की कथा को विस्तारपूर्वक बताते हुये कहा कि जड़ भरत ऐसा प्रतापी एवं आध्यात्मिक राजा पूरे जम्बू दीप में कोई नही था।

Shrimad Bhagwat Katha kushinagar

जड़ भरत ही अपने आध्यत्मिक शक्ति एवं ईश्वरी प्रेरणा से अपने पूर्व के तीन जन्मों के बारे में जानते थे। कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का उत्सव मनाया जाएगा एवं उनके जन्म की कथा का वर्णन किया जायेगा।

इस दौरान पंडित दिनेश त्रिपाठी,ब्रदीनाथ पांडेय,आशुतोष मिश्र,अनुपम मिश्र,बलिराम सिंह,सुशील मिश्र,आरिव मिश्र,प्रतापनारायण तिवारी,अंजलि मिश्र,नम्रता मिश्र,रितु मिश्र,अवनी मिश्र,अर्चना तिवारी,बावूनन्द राय,अवधेश तिवारी,मोहित पांडेय,धीरज पांडेय,अनुराग चौबे आदि उपस्थित रहे।

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Author: theswordofindia

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