अजमेर : अजमेर में श्रद्धालुओं से लूट : राजस्थान की धार्मिक राजधानी अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ खुलेआम आर्थिक शोषण के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं।
खासकर उर्स और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान दिल्ली गेट क्षेत्र में होटल, लॉज और पार्किंग संचालक मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और अनुभव दोनों आहत हो रहे हैं।
श्रद्धालुओं के अनुसार, दिल्ली गेट के आसपास स्थित कई होटलों में एक कमरे का किराया 75 हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक लिया जा रहा है।
हैरानी की बात यह है कि इतनी भारी-भरकम राशि के बावजूद कमरों में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। न साफ-सफाई, न गर्म पानी, न ही ठीक से काम करने वाला एयर कंडीशनर।
कई होटल जर्जर हालत में हैं, फिर भी मजबूरी का फायदा उठाकर श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूली जा रही है। केवल होटल ही नहीं, पार्किंग को भी कमाई का जरिया बना लिया गया है।
कई परिवारों ने बताया कि यदि वे होटल का किराया देने में असमर्थ हों, तो उन्हें पार्किंग में रात गुजारने के लिए भी 1,000 से 1,500 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं।
पैसे न देने की स्थिति में सड़क पर रात बिताने की चेतावनी दी जाती है, जो मानवता और धार्मिक मर्यादाओं के खिलाफ है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासनिक निगरानी की कमी और तय दरों के अभाव में यह अवैध वसूली फल-फूल रही है।
इसका सीधा असर अजमेर की छवि पर पड़ रहा है, जो देश-विदेश में एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।
श्रद्धालुओं और सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि होटलों और पार्किंग शुल्क पर नियंत्रण लगाया जाए, नियमित निरीक्षण हों और शिकायतों के लिए प्रभावी हेल्पलाइन शुरू की जाए।

समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह लूट अजमेर की धार्मिक गरिमा और पर्यटन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।



