मुंबई : मुंबई में जहां एक ओर विद्यार्थियों की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के हालिया फैसले से अतिरिक्त शिक्षकों में असंतोष की लहर दौड़ गई है।
दरअसल, हाल ही में मुंबई महानगर क्षेत्र के कई स्कूलों के अतिरिक्त शिक्षकों को मुंबई से बाहर, जैसे ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिलों में स्थानांतरित कर समायोजित किया गया।
इस निर्णय के विरोध में अब शिक्षकों ने आवाज़ बुलंद करनी शुरू कर दी है। मुंबई कांग्रेस रोजगार व स्वयं रोजगार विभाग के महासचिव डॉ. सत्तार खान ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री और विभागीय उपसंचालक से मांग की है कि अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन मुंबई में ही किया जाए।
डॉ. खान का कहना है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त हैं, बावजूद इसके लगभग 525 अतिरिक्त शिक्षकों को बाहरी जिलों में भेजा गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि इन शिक्षकों में एक बड़ी संख्या महिलाओं की है, जिन्हें रोजाना इन दूरस्थ स्थानों तक आना-जाना बेहद कठिन और असुरक्षित लगता है।
इसके साथ ही शिक्षकों का आरोप है कि स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान उनके व्यक्तिगत और संवेदनशील मामलों जैसे उम्र, स्वास्थ्य, एकल माता-पिता की जिम्मेदारियाँ आदि को नज़रअंदाज़ किया गया।
डॉ. सत्तार खान ने कहा कि सरकार को संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए, मानवीय आधार पर निर्णय लेना चाहिए और शिक्षकों की व्यावहारिक परेशानियों को समझना चाहिए।
मुंबई में पहले से ही शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने की ज़रूरत है और ऐसे में अनुभवी शिक्षकों को महानगर से बाहर भेजना तर्कसंगत नहीं है। शिक्षक संगठनों का मानना है
कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे आगामी समय में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या शिक्षकों को मुंबई में ही समायोजित किया जाएगा या नहीं।

Author: theswordofindia
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