बाराबंकी (मसौली) : शहाबपुर में मोहर्रम की पहली तारीख को शुक्रवार को अकीदतमंदी और सादगी के साथ अलम व झंडे का जुलूस निकाला गया।
सुबह से ही अजादारों का हुजूम जुलूस में शामिल होने के लिए एकत्रित होने लगा था। “या अली”, “या हुसैन” की सदाओं के साथ माहौल पूरी तरह इमाम हुसैन की याद में रंग गया।
जुलूस की शुरुआत स्थानीय इमामबाड़े से हुई, जो कस्बे की गलियों से होते हुए करबला तक पहुंचा। करबला मैदान में अलम व झंडे को तहे अदब के साथ खड़ा किया गया।
यहां विशेष दुआएं पढ़ी गईं और इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया। करबला में जमीन पर खड़े किए गए झंडे इमाम हुसैन की कुर्बानी और सच्चाई के प्रतीक बने।
शोक मनाते हुए अजादारों ने नज़रान-ए-अकीदत पेश की। माहौल पूरी तरह गमगीन और श्रद्धा से भरा रहा। जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
स्थानीय पुलिसकर्मी विशेष रूप से हेड कांस्टेबल लवकुश सिंह की देखरेख में पूरा आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था को भी बखूबी संभाला ताकि आम जनता को कोई असुविधा न हो।

Author: theswordofindia
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