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कृषि विश्वविद्यालय में फाइलेरिया जागरूकता कार्यक्रम पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

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नितिन सिंह

द स्वॉर्ड ऑफ़ इंडिया

कानपुर । चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कैलाश भवन सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत फाइलेरिया रोग की रोकथाम एवं जागरूकता हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह द्वारा की गई। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।जिसे सामान्यता हाथी पांव के नाम से जाना जाता है।उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर रोग है इसलिए इसके उन्मूलन के लिए सुरक्षात्मक उपाय के रूप में दवा का प्रयोग करें ।

कार्यक्रम के आयोजक एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर मुनीश कुमार द्वारा बताया गया कि जब समुदाय के सभी लोग फाइलेरिया की दवा का प्रयोग करेंगे तभी सुरक्षित रह पाएंगे। निदेशक एनसीवीबीडीसी नई दिल्ली डॉक्टर तनु जैन द्वारा कहा गया कि बुखार, हाथ पैर में दर्द या सूजन तथा पुरुषों के जननांग में व उसके आसपास दर्द या सूजन फाइलेरिया रोग के लक्षण हैं।

राज्य समन्वयक विश्व स्वास्थ्य संगठन डॉक्टर तनुज ने कहा कि फाइलेरिया की दवा परजीवियों को नष्ट कर देती है तथा मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी उल्टी तथा बदन पर चकत्ते जैसी मामूली प्रक्रियाएं देखने को मिलती हैं। बीएमजी फाउंडेशन की ओर से डॉक्टर जयंती द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया रोग की दवा सरकार द्वारा साल में एक डोर टू डोर जाकर सारी दवाई मुफ्त में दी जाती ताकि प्रभावी रोकथाम हो सके।

PCI India की ओर से डॉक्टर राजश्री दास द्वारा कहा गया कि अपने घर के आसपास साफ सफाई कर मच्छरों को जन्म न लेने थे तथा मच्छरदानी जैसी वस्तुओं का प्रयोग करें । संक्रमित व्यक्ति शीघ्र ही दवा खाएं।

एवं नोडल अधिकारी फाइलेरिया द्वारा बताया गया कि किसी भी परेशानी की अवस्था में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता गण, कुल सचिव, निदेशक, विभाग अध्यक्ष, संकाय सदस्यों के साथ-साथ लगभग 900 छात्र छात्रों ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर राजीव द्वारा किया गया।

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