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विश्व हृदय दिवस: गंगाशील अस्पताल बरेली ने विश्व हृदय दिवस मनाया

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द स्वॉर्ड ऑफ़ इंडिया

बरेली । विश्व हृदय दिवस: दिवगंगाशील अस्पताल की सीटीवीएस (कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी) एवं कार्डियोलॉजी टीम द्वारा हाल ही में किए गए चार सफल TAVI (Trans Aortic Valve Implantation) और रोहिलखंड क्षेत्र में पहले Bentall Procedure पर विशेष चर्चा की गई थी।

यह उपलब्धि अस्पताल और रोहिलखंड क्षेत्र दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि साबित हुई है. जिस पर हमें गर्व है।

इस अवसर पर गंगाशील अस्पताल की सीटीवीएस टीम, जिसमें सीटीवीएस डायरेक्टर और वरिष्ठ कार्डियक सर्जन डॉ. विशाल अग्रवाल, और कार्डियोलॉजी टीम के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल सिंह, डॉ. मो. कलीम, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. रणधीर सिंह, तथा परफुसिओनिस्ट श्री संजीव कुमार शामिल थे।

डॉ. विशाल अग्रवाल ने बताया यह एक जटिल और विशेष प्रकार की हृदय शल्यक्रिया है, जो मुख्य रूप से महाधमनी और महाधमनी वाल्व में किसी विकार या खराबी को ठीक करने के लिए की जाती है।

इस ऑपरेशन के दौरान महाधमनी वाल्व को कृत्रिम वाल्व से बदल दिया जाता है और महाधमनी का क्षतिग्रस्त भाग कृत्रिम ग्राफ्ट से प्रतिस्थापित किया जाता है। साथ ही कोरोनरी धमनियों को भी फिर से जोड़ा जाता है।

बैटल ऑपरेशन विशेष रूप से महाधमनी और वाल्व के लिए होता है, जबकि अन्य हृदय शल्यक्रियाएँ जैसे बायपास सर्जरी, हृदय के धमनियों में रुकावट को ठीक करती हैं।

यह अन्य ऑपरेशनों की तुलना में अधिक जटिल और जोखिमपूर्ण है क्योंकि इसमें हृदय की सबसे बड़ी धमनी को ठीक किया जाता है। कृत्रिम वाल्व और ग्राफ्टः इस ऑपरेशन में वाल्व और धमनी दोनों को कृत्रिम रूप से प्रतिस्थापित किया जाता है, जो इसे अ‌द्वितीय बनाता है।

साथ ही बैटल ऑपरेशन उन मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होता है जिनकी महाधमनी वाल्व में गंभीर विकार होते हैं। यह ऑपरेशन हृदय की कार्यक्षमता को पुनःस्थापित करता है और मरीज को गंभीर हृदय संबंधी जटिलताओं से बचाता है।

डॉ राहुल ने IVAS, IVL, डिवाइस क्लोसूरे अन्य इन सभी की जानकारी दी। IVL एक आधुनिक हृदय प्रक्रिया है जो धमनियों में कैल्शियम जमाव को तोड़ने के लिए उच्च ऊर्जा वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है।

यह अन्य प्रक्रियाओं, जैसे एंजियोप्लास्टी, से अलग है क्योंकि यह सीधे कैल्शियम को लक्षित करती है, जिससे यह कम आक्रामक और तेज रिकवरी वाली बनती है, विशेषकर कैल्शियम समस्याओं वाले मरीजों के लिए।

वही डॉ. मो. कलीम ने पिछले कुछ महीनो पहले किये तावी प्रोसीजर की विस्तृत जानकरी दी कहा ये एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें क्षतिग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बिना ओपन हार्ट सर्जरी के बदला जाता है।

यह कैथेटर के माध्यम से नई वाल्व को स्थापित करता है, जिससे कम चीरा, तेजी से रिकवरी, और कमजोर या बुजुर्ग मरीजों के लिए कम जोखिम होता है। इसे साधारण ओपन हार्ट सर्जरी से अलग और खास बनाता है कि यह जटिल सर्जरी की आवश्यकता को कम कर देता है, खासकर उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए।

गंगाशील अस्पताल ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो यह दर्शाता है कि एक टियर-2 शहर में भी इस प्रकार की उन्नत सर्जरी सफलतापूर्वक की जा सकती है। हमारी कार्डियक लैब अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे मरीजों को सर्वश्रेष्ठ इलाज और सेवा प्रदान की जा सकत है।

डॉ. शालिनी महेश्वरी ने मरीजों को भरोसा दिलाया है गंगाशील अस्पताल हमेशा से ही हर मरीज को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने भविष्य में भी चिकित्सा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने का संकल्प लिया है, ताकि हम सभी के लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर सकें।

इस कांफ्रेंस में डॉ रणधीर सिंह एनेस्थेटिस्ट, संजीव चौहान परफुसिओनिस्ट, संजय पाठक ओ – – टी इंचार्ज, दीपक – पोस्ट ऑप इंचार्ज, संदीप सिंह कैथलैब इंचार्ज, आशीष मिश्रा, राहुल तोमर, – अभिषेक पॉल – प्रशासक, बंधन, रचित, राजेश शलभ, राहुल, राजेंद्र, प्रशासनिक निदेशक मनीष – वैष्णव और संकेत बाली आदि मौजूद रहे।

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