बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस की कथित ज्यादती और दबंगई ने एक गरीब मजदूर की जिंदगी छीन ली। जैदपुर थाना क्षेत्र के मौथरी गांव में भीम आर्मी से जुड़े अशोक कुमार (पुत्र केशवराम) ने पुलिस की धमकियों, झूठे मुकदमों और 75 हज़ार रुपये की अवैध वसूली की मांग से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दिल दहला देने वाले मामले ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था पूरा मामला?
25 सितंबर को अशोक कुमार और उनके पड़ोसी रामू (पुत्र नौमीलाल) के बीच मामूली विवाद हुआ। आरोप है कि उसी रात रामू और उसके साथी शराब के नशे में अशोक के घर घुस आए। उन्होंने गाली-गलौज, मारपीट और अशोक की पत्नी लक्ष्मीवती के साथ अश्लील हरकतें कीं। पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए जैदपुर थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने उल्टा विपक्षी की तहरीर पर अशोक और उनके बेटे रवि कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
पुलिस की धमकी और वसूली की मांग
परिजनों का आरोप है कि जैदपुर थाने के कोतवाल और पुलिसकर्मियों ने अशोक और रवि को बार-बार थाने बुलाकर प्रताड़ित किया। रवि की पिटाई की गई और अशोक से खुलेआम 75 हज़ार रुपये की मांग की गई। पुलिस ने धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी तो उन्हें NDPS जैसे संगीन मामले में जेल भेज दिया जाएगा। गरीबी की मार झेल रहे अशोक इस रकम का इंतजाम नहीं कर पाए। लगातार अपमान और डर के साये में जीने की मजबूरी ने उन्हें टूटने पर मजबूर कर दिया।
सुसाइड नोट में खुलासा: पुलिस और दबंग जिम्मेदार
1 अक्टूबर की रात अशोक ने गांव के बाहर एक पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सुबह उनकी लाश लटकती मिली तो गांव में सनसनी फैल गई। मरने से पहले अशोक ने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसे उन्होंने परिचितों और सोशल मीडिया पर साझा किया। नोट में उन्होंने साफ लिखा, “मैं भीम आर्मी का सदस्य हूं। मेरी मौत के लिए पुलिस और दबंग लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने 75 हज़ार रुपये की मांग की और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
परिवार और भीम आर्मी का गुस्सा, कार्रवाई की मांग
अशोक की मौत के बाद गुस्साए परिजन और भीम आर्मी कार्यकर्ता शव लेकर जिला पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक के भाई ने बताया, “विपक्षियों ने हमारे साथ मारपीट और बदतमीजी की। हमने पुलिस से न्याय मांगा, लेकिन उल्टा हमारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया।” रवि ने रोते हुए कहा, “पुलिस हमें थाने में बुलाकर मारती थी और 75 हज़ार रुपये मांगती थी। पिताजी ने कहा कि हम गरीब हैं, इतने पैसे कहां से लाएं? मजबूरी में उन्होंने यह कदम उठाया।”
पुलिस प्रशासन पर सवाल
यह मामला पुलिस की कार्यशैली और कथित भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल उठाता है। गरीब मजदूर की आत्महत्या और सुसाइड नोट में लगाए गए संगीन आरोपों ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। अब सवाल यह है कि क्या अशोक के परिवार को न्याय मिलेगा? क्या दोषी पुलिसकर्मियों और दबंगों पर कार्रवाई होगी?
फिलहाल, परिजन और भीम आर्मी कार्यकर्ता इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि सिस्टम की उन खामियों को भी उजागर करती है, जो गरीबों को न्याय से वंचित कर देती हैं।

Author: Mohd Asif
Mohd Asif is a Social-political and tech journalist, Urdu poet, and digital strategist with 10+ years of experience. He writes for Business Universe PR on AI, startups, and innovation in business. He’s also a published author and helps brands grow online. Areas of Expertise: Artificial Intelligence & Automation Startup Ecosystem & Innovation Digital Marketing & Lead Generation SOE Technology’s Social Impact "I write to decode technology, inform business, and empower ideas." 🔗 Connect on LinkedIn Areas of Expertise: Artificial Intelligence & Automation Startup Ecosystem & Innovation Digital Marketing & Lead Generation SOE Technology’s Social Impact I write to decode technology, inform business, and empower ideas.