नई दिल्ली : होटल रेडिसन ब्लू, द्वारका में आयोजित स्टार इंडियन आइकॉन अवार्ड सीजन-5 के भव्य समारोह में विज्ञान, नवाचार और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. श्री एन. वी. सत्यनारायण को मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया।
इस आयोजन का आयोजन प्रेरणा सोशल डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी ने किया था, जिसका नेतृत्व डॉ. पलविंदर सिंह कर रहे हैं।
समारोह में बॉलीवुड अभिनेत्री नवीना बोले और सेलिब्रिटी कमल घिमिरे ने भी अपनी उपस्थिति से इसे खास बनाया। डॉ. सत्यनारायण, जिन्हें संक्षेप में एनवीएस के नाम से जाना जाता है,
तकनीकी क्षेत्र के एक दूरदर्शी वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं। तीन दशकों से अधिक समय से वे एम्बेडेड सिस्टम, दूरसंचार, रक्षा तकनीक और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा समाधान के क्षेत्र में देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
उनके इनोवेशन में दूरसंचार के आठ, रक्षा के तीन और ऊर्जा क्षेत्र में आठ प्रमुख तकनीक शामिल हैं, जो देश की तकनीकी सीमाओं को लगातार आगे बढ़ा रही हैं।
उनके द्वारा विकसित की गई प्रमुख खोजों में से एक ‘कम्युनिकेशन डिवाइस फाइंडर सिस्टम’ (CDFS) है, जो मोबाइल सुरक्षा को एक नई दिशा दे रहा है।
यह तकनीक भारत समेत कई देशों में 12 बहुराष्ट्रीय और 30 घरेलू मोबाइल निर्माता कंपनियों द्वारा बिना अनुमति के इस्तेमाल हो रही है।
यह साबित करता है कि उनके आविष्कार न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कितना प्रभावशाली और समय से आगे हैं।
डॉ. सत्यनारायण को पहले भी कई राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। इनमें 2002 में राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा दिया गया राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन पुरस्कार, 2008 में राज्यपाल डॉ. ए.आर. किदवई से राजीव गांधी शिरोमणि पुरस्कार और उसी वर्ष इंदिरा गांधी सद्भावना पुरस्कार शामिल हैं।
वे भारतीय नौसेना, राष्ट्रीय जहाज डिजाइन केंद्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं।
साल 2025 में, अमेरिका की इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी हॉलीवुड (यूएसए) ने उन्हें दूरसंचार और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया।
यह सम्मान उनके शिक्षण और सेवा के लिए विश्वविद्यालय के धार्मिक समुदाय की सिफारिश पर दिया गया। डिग्री समारोह में संस्थापक डॉ. सांग वोन पार्क और रजिस्ट्रार श्री क्यूंग बाई एन ने इस पुरस्कार को औपचारिक रूप से प्रदान किया।
CDFS तकनीक आने वाले वर्षों में भारत में मोबाइल सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इसका वाणिज्यिक मूल्य अरबों डॉलर में आंका जा रहा है,
लेकिन दुर्भाग्यवश कई वैश्विक कंपनियां इसका बिना अनुमति के उपयोग कर रही हैं, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
डॉ. सत्यनारायण अपनी बौद्धिक संपदा के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। डॉ. सत्यनारायण का मानना है कि “विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानवता की सेवा का सबसे बड़ा उपकरण है।”
उनका जीवन दर्शन और समर्पण नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारत में ऐसे वैज्ञानिकों की भूमिका बेहद अहम है,
जो न केवल तकनीक में नवाचार कर रहे हैं, बल्कि समाज के लिए स्थायी बदलाव भी ला रहे हैं। डॉ. सत्यनारायण की मेहनत और दूरदर्शिता से प्रेरित होकर नई पीढ़ी आविष्कारों और नवाचारों के माध्यम से देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित होगी।

Author: theswordofindia
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