Priyanka Gandhi Nomination प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है, जो कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। 35 वर्षों के राजनीतिक अनुभव के साथ, उनका यह नामांकन आगामी चुनाव में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
प्रियंका की राजनीतिक यात्रा 35 वर्षों का अनुभव
कलपेट्टा में एक रैली में, प्रियंका ने अपने व्यापक अनुभव पर जोर दिया, यह बताते हुए कि उन्होंने 17 साल की उम्र से राजनीति में सक्रियता दिखाई है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता, राजीव गांधी के लिए चुनाव प्रचार किया है और इन वर्षों में अपनी मां, सोनिया गांधी, और अपने भाई, राहुल गांधी का भी समर्थन किया है।”
विरोधियों का जवाब
प्रियंका की टिप्पणियाँ भाजपा की उम्मीदवार नव्या हरिदास द्वारा किए गए दावों के जवाब में आईं, जिन्होंने कहा था कि इनके पास लोगों का सही प्रतिनिधित्व करने का अनुभव नहीं है। प्रियंका ने कहा कि उनका गहरा राजनीतिक जुड़ाव उन्हें वायनाड की जरूरतों को समझने और सेवा करने में सक्षम बनाता है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का समर्थन रैली में उपस्थिति
रैली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मजबूत उपस्थिति देखी गई। यह सामूहिक समर्थन प्रियंका के नामांकन के महत्व को दर्शाता है।
एकता की अपील
इस कार्यक्रम के दौरान, राहुल गांधी ने उपस्थित लोगों से अपनी बहन के लिए वोट देने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि यदि प्रियंका जीतती हैं, तो वायनाड के पास संसद में दो प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने कहा, “प्रियंका की जीत से हमारे लोकसभा में आवाज मजबूत होगी।”
वायनाड का महत्व Priyanka Gandhi Nomination एक रणनीतिक निर्वाचन क्षेत्र
वायनाड की सीट राहुल गांधी के इस निर्वाचन क्षेत्र से हटने के कारण खाली हुई है, जहां वह 2019 के चुनाव में चुने गए थे। प्रियंका का नामांकन कांग्रेस के लिए इस क्षेत्र में प्रभाव पुनः प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है।
स्थानीय चुनौतियाँ और साहस
अपनी स्पीच में, प्रियंका ने वायनाड के लोगों के साहस की सराहना की, खासकर हाल के भूस्खलनों के संदर्भ में। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें चुनाव में जीत मिलती है, तो वह समुदाय का प्रतिनिधित्व और उत्थान करना चाहेंगी।
आगामी चुनाव विवरण Priyanka Gandhi Nomination और चुनाव की तारीख
उपचुनाव 13 नवंबर को निर्धारित है, जहां प्रियंका गांधी का सामना एलडीएफ के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से होगा। यह मुकाबला बहुत करीबी होने की उम्मीद है, क्योंकि यह वायनाड में राजनीतिक गतिशीलता को फिर से परिभाषित कर सकता है।
Priyanka Gandhi का नामांकन पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह वायनाड में अपनी उपस्थिति को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। पार्टी नेताओं के मजबूत समर्थन और समुदाय की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ, अब सभी की निगाहें 13 नवंबर को चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। परिणाम न केवल स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र को प्रभावित करेंगे, बल्कि आगे की कांग्रेस की रणनीति के लिए भी दिशा तय करेंगे।
सभा में प्रियंका के साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। प्रियंका ने कहा कि अगर उन्हें वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है, तो यह उनके लिए एक सम्मान की बात होगी। उन्होंने वायनाड के लोगों के साहस की सराहना की, खासकर हाल में आए भूस्खलन के दौरान।
राहुल गांधी ने भी सभा में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यदि बहन चुनाव जीतती हैं, तो वायनाड के पास संसद में उनके सहित दो सांसद होंगे। राहुल, जो 2019 से 2024 तक का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, ने लोगों से अपील की कि वे उनकी बहन को वोट दें।
अध्यक्ष खड़गे ने प्रियंका को पहाड़ी जिले के लोगों के लिए एक सशक्त आवाज बताया और लोगों से उन्हें समर्थन देने की अपील की। प्रियंका के नामांकन के बाद, उन्होंने सोनिया, राहुल, खड़गे और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल की उपस्थिति में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए
उपचुनाव 13 नवंबर को होगा, जिसमें प्रियंका का मुकाबला एलडीएफ के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से होगा। सीट खाली होने का कारण राहुल गांधी का उस क्षेत्र से हटना है, जहां उन्होंने इस साल चुनाव जीते थे। प्रियंका के नामांकन ने कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद जगाई है, और अब सभी की नजरें 13 नवंबर के परिणामों पर टिकी हैं।