लखनऊ : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भारत का पहला एआई-संवर्धित भविष्यवादी कैंपस शुरू करने की घोषणा की है। 21वीं सदी के छात्रों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह कैंपस, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करेगा। इस ऐतिहासिक पहल का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने किया।
एआई-सक्षम शिक्षा के नए युग की शुरुआत :-
उत्तर प्रदेश के लखनऊ राज्य की राजधानी क्षेत्र (SCR) में स्थित यह कैंपस देश के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का वादा करता है। 2025-26 शैक्षणिक सत्र से यह कैंपस इंजीनियरिंग, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ और लाइफ साइंसेज, ह्यूमैनिटीज, लिबरल आर्ट्स और लीगल स्टडीज जैसे क्षेत्रों में 43 एआई-संवर्धित भविष्यवादी पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से ‘अधिकार पत्र’ प्राप्त कर लिया है। इस कैंपस का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के साथ-साथ उभरती तकनीकों में छात्रों को दक्ष बनाना है।
एआई सिटी लखनऊ में कैंपस का अनावरण :-
लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कैंपस के वेब पोर्टल और प्रॉस्पेक्टस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सतनाम सिंह संधू, प्रो-कुलाधिपति प्रो. हिमानी सूद, प्रबंध निदेशक जय इंदर सिंह संधू और कैपजेमिनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष मुकेश जैन भी उपस्थित थे।
उपाध्याय ने कहा, “उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक हब बनता जा रहा है। इस कैंपस की स्थापना राज्य को एआई और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों में केंद्र बना देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है।
एआई के जरिए रोजगार और विकास :-
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह एआई-सक्षम कैंपस, लखनऊ में विकसित हो रही भारत की पहली एआई सिटी का हिस्सा है। यह परियोजना 10,732 करोड़ रुपये के बजट से तैयार हो रही है और अगले पांच वर्षों में 50,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करने की क्षमता रखती है।
कैपजेमिनी के मुकेश जैन ने कहा, “एआई न केवल उद्योगों में बदलाव लाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। एआई तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में 2028 तक 27 लाख नई नौकरियां उत्पन्न होने की उम्मीद है।
छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा :-
कुलाधिपति सतनाम सिंह संधू ने कहा, “उत्तर प्रदेश में यह कैंपस प्रधानमंत्री मोदी के एआई-केंद्रित भारत के विजन के अनुरूप है। यह युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा और उन्हें एआई-संचालित दुनिया के लिए तैयार करेगा।
छात्रवृत्ति और अनुसंधान के लिए विशेष प्रावधान :-
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए 40 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए ‘सीवी रमन छात्रवृत्ति’ के तहत 3 करोड़ रुपये की विशेष सहायता दी जाएगी।
Chandigarh University ( CU ) का कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET 2025) पोर्टल भी पंजीकरण के लिए खोल दिया गया है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्र 100 प्रतिशत तक छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा में अग्रणी भूमिका :-
2012 में स्थापित, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह विश्वविद्यालय QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में भारत के निजी विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर है। साथ ही, NIRF रैंकिंग 2024 में इसे भारत के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है।
यह कैंपस केवल शिक्षा प्रदान करने का केंद्र नहीं होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश में कौशल विकास और रोजगार सृजन में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह कदम उत्तर प्रदेश को देश के शिक्षा मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान पर ले जाएगा।
Author: theswordofindia
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