मो आसिफ , जैदपुर (नवाबगंज)। बाराबंकी
ज़ैदपुर नगर पंचायत के मौलवी कटरा वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। नालियों में कचरा, सड़क पर गंदगी और डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण सेवा की अनियमितता से स्थानीय लोग परेशान हैं। हालांकि सफाईकर्मियों की मौजूदगी का दावा किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके विपरीत है। ज़ैदपुर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए नगर पंचायत ज़ैदपुर के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों की जिम्मेदारी भी अहम है। स्वच्छ ज़ैदपुर के लिए नागरिकों को कूड़ा निर्धारित स्थान पर डालने, नालियों में गंदगी न फेंकने और प्रशासन से सहयोग करने की जरूरत है। स्वच्छता अभियान ज़ैदपुर तभी सफल होगा जब जनसहभागिता के साथ कार्य किया जाएगा।
ज़ैदपुर नगर पंचायत के मौलवी कटरा वार्ड के आज़ाद नगर मोहल्ले में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। नालियां कचरे से पट चुकी हैं, सड़कों पर गंदगी फैली है और डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण व्यवस्था भी ठप पड़ी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सफाईकर्मी नियमित रूप से आते जरूर हैं, लेकिन काम करने के बजाय समय बिताकर चले जाते हैं। कुछ कर्मचारी झाड़ू लगाकर कूड़ा सीधा नालियों में डाल देते हैं, जिससे लगातार बदबू और जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
हालांकि सफाई कार्य के ठेकेदार शुभम कुमार का दावा है कि कर्मचारी तैनात हैं और सफाई कार्य लगातार जारी है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुभव इससे मेल नहीं खाते। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी केवल नगर पंचायत की है या आम नागरिकों की भी?
विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि सफाई एक साझा ज़िम्मेदारी है। अगर नागरिक स्वयं कूड़ा निर्धारित स्थान पर डालें, नालियों में गंदगी न फेंकें और सफाईकर्मियों को सहयोग दें, तो हालात में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। गंदगी फैलाने में आम लोगों की भी बड़ी भूमिका है, इसलिए केवल नगर पंचायत को दोष देना समस्या का हल नहीं है।
समाधान तभी संभव है जब नागरिक और प्रशासन मिलकर कार्य करें। एक साफ-सुथरा जैदपुर तभी बन सकता है जब हम सभी जिम्मेदारी समझें और सक्रिय सहयोग करें। स्वच्छता की शुरुआत घर से होती है — और यहीं से बदलाव की नींव भी रखी जाती है।

Author: Mohd Asif
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