इंदिरा गांधी जन्मदिन दिवस : भारत की पूर्व प्रधानमंत्री और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन अदम्य साहस, दूरदर्शिता और संघर्ष की मिसाल है।
19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के आनंद भवन में जन्मी इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी न केवल अपने समय की बल्कि इतिहास की सबसे सशक्त नेताओं में से एक थीं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की इकलौती संतान इंदिरा का जीवन बचपन से ही संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उनके अंदर बचपन से ही देशभक्ति और नेतृत्व का जज्बा था।
बचपन और प्रारंभिक जीवन :-
इंदिरा गांधी को बचपन में ही स्वतंत्रता आंदोलन की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके पिता जवाहरलाल नेहरू जेल में थे, और मां कमला नेहरू गंभीर बीमारी के कारण दुनिया छोड़ चुकी थीं।
ऐसी परिस्थितियों में छोटी इंदिरा ने न केवल अपने परिवार बल्कि देश के लिए भी मजबूत खंभे की तरह खड़ा होना सीखा। बचपन में उन्होंने “वानर सेना” बनाई, जो स्वतंत्रता सेनानियों के संदेश एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती थी।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत :-
पंडित नेहरू की बेटी होने के नाते इंदिरा गांधी राजनीति से दूर नहीं रह सकीं। 1964 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, वह लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के असामयिक निधन के बाद 1966 में इंदिरा गांधी देश की तीसरी और पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
अद्भुत नेतृत्व और ऐतिहासिक फैसले :-
इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई ऐतिहासिक फैसले किए। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में उनकी रणनीति ने भारत को विजय दिलाई और बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की। उनके साहसी नेतृत्व ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाए, जैसे बैंकों का राष्ट्रीयकरण और जमींदारी प्रथा को समाप्त करना। 1974 में पोखरण में भारत का पहला परमाणु परीक्षण उनके दृढ़ निश्चय और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक था।
महिलाओं और समाज के लिए योगदान :-
इंदिरा गांधी महिलाओं के अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं। उन्होंने समाज में महिलाओं के लिए समानता और अधिकार सुनिश्चित करने के कई प्रयास किए। 20 सूत्रीय कार्यक्रम उनके नेतृत्व की दूरदर्शिता का प्रमाण है, जिससे भारत के विकास को नई दिशा मिली।
त्याग और बलिदान :-
इंदिरा गांधी का जीवन देश के लिए समर्पित था। 1984 में खालिस्तान आंदोलन के दौरान उन्होंने देश की अखंडता बनाए रखने के लिए कड़ा रुख अपनाया।
30 अक्टूबर 1984 को, अपनी हत्या से एक दिन पहले, भुवनेश्वर में उन्होंने कहा था, *”अगर मेरी जान जाती है, तो मेरे खून का हर कतरा देश को और मजबूत करेगा।* 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी गई, लेकिन वह हमेशा के लिए देशवासियों के दिलों में अमर हो गईं।
संकल्प और प्रेरणा :-
इंदिरा गांधी का जीवन हमें सिखाता है कि किसी भी बाधा के सामने झुकना नहीं चाहिए। उनके साहस, नेतृत्व और देशभक्ति से प्रेरणा लेकर हमें भारत की एकता और अखंडता के लिए काम करना चाहिए।
,आज, इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर, हमें उनके अदम्य साहस और महान नेतृत्व को सलाम करते हुए यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलकर भारत को और अधिक मजबूत और समृद्ध बनाएंगे।
जय हिंद!
Author: theswordofindia
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