कानपुर । कृषि विज्ञान : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर कड़ी संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा धान फसल का प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया। केंद्र के प्रभारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि खपतवारों के प्रकोप से धान के उत्पादन में कमी आ जाती है। वहीं खरपतवार धान की फसल को नुकसान भी पहुंचाती है।
ये खरपतवार वे अवांछित पौधे होते हैं जिनकी खेत में जरूरत नहीं होती है, क्योंकि इन्हीं खरतपवारों में कीट भी पनप जाते हैं और धान की खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि समय पर इन खरतपवारों को खेत से नहीं हटाया जाता है तो ये धान की फसल के साथ बड़े होकर धान के उत्पादन में बाधा पहुंचाते हैं।
परिणामस्वरूप धान के उत्पादन में कमी आ जाती है। कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर, कानपुर देहात द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत खरपतवारों के प्रबंधन हेतु बिस्पायरीबैक सोडियम साल्ट का वितरण विभिन्न गांव जैसे फंदा, बिहारी पुरवा, करोम, अरशदपुर, गणेशपुर, सहतावन पुरवा इत्यादि में किया गया था।
जिसको डालने से सभी तरह के खरपतवारों से मुक्ति मिल जाती है विस्परी बैक द्वारा 90 से 95% तक खरपतवार नष्ट हो जाते हैं इसी परिणाम को और क्रश को बताने वह उन्हें प्रक्षेत्र दिखाकर दवा की जानकारी देने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ग्राम बिहारी पुरवा में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने कहा बिस्पाइरीबैक-सोडियम, बिस्पाइरीबैक का कार्बनिक सोडियम नमक है। इसका उपयोग चावल की फसलों में घास, सेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए एक व्यापक स्पेक्ट्रम पोस्ट-इमर्जेंट शाकनाशी के रूप में किया जाता है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ राजेश राय, डॉ शशिकांत, डॉ निमिषा अवस्थी सहित सभी ने देशराज भारती, रमेश इत्यादि की फसल का अवलोकन किया।
Author: theswordofindia
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