नई दिल्ली (एजेंसी)। तसलीमा का दावा- बांग्लादेश से निर्वासित चर्चित लेखिका तसलीमा नसरीन का दावा है कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ने वाला है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया है कि बांग्लादेश में जल्द ही शरिया कानून लागू हो सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ शुरू हुई आंदोलन के दौरान भड़की में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। फिलहाल, मुल्क में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार है।नसरीन ने कहा कि अभिव्यक्ति की कोई आजादी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और शरिया कानून लागू होने के बाद जल्द ही महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं बचेंगे। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार हालात और खराब कर देगी, क्योंकि शेख हसीना को हटाए जाने को एक जश्न की तरह मनाया गया था।
अगस्त में नसरीन ने कहा था कि जकुछ इस्लामिक ताकतों ने उन्हें देश बाहर निकाला था और उन्होंने ही शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर किया।
तसलीमा को उनकी पुस्तक ‘लज्जा’ को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बाद 1990 के दशक में बांग्लादेश से निर्वासित कर दिया गया था। बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन भड़के थे।
जब नसरीन से महिलाओं की स्थिति को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि महिलाओं पर सबसे बुरा असर पड़ सकता है। कट्टरपंथी इस्लावादियों का बढ़ता प्रभाव महिलाओं पर पाबंदियां लगाकर उनके सारे अधिकार छीन लिए जाएंगे और उन्हें शरिया कानून के जरिए नियंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालयों में लड़कियों को एक अलग यूनिफॉर्म पहनने के लिए कहा गया है जब पूछा किया गया क्या हसीना के देश छोड़ने के बाद महिलाओं के प्रति रवैये में बदलाव आया है, उसपर उन्होंने हां में जवाब दिया। तब होने जवाब दिया ड्रेस कोड के तौर पर हिजाब ,नाका ,बुर्का बनाया
Author: theswordofindia
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